इजराइली एप से भारतीय एक्टिविस्ट और पत्रकारों की जासूसी का खुलासा होने के बाद भारतीय थल सेना मुख्यालय ने वाॅट्सएप के उपयोग पर पाबंदी लगा दी है। करीब 12 लाख सैनिकों और अफसरों को वाॅट्सएप पर किसी भी तरह की ऑफिशियल कम्युनिकेशन करने से मना किया गया है। वहीं, जासूसी का जरिया बन चुके फेसबुक अकाउंट को तुरंत प्रभाव से निष्क्रिय करने का आदेश दिया गया है।
जवानों को स्मार्ट फोन पर किसी भी तरह का ऑफिशियल डेटा लोड नहीं करने और जीमेल नहीं खोलने की हिदायत दी गई है। साथ ही कश्मीर और पूर्वोत्तर में सरहद और संवेदनशील इलाकों के मिलिट्री स्टेशन पर तैनात अफसरों और जवानों को स्मार्ट फोन में लोकेशन ऑप्शन बंद करने को कहा गया है। ये स्मार्ट फोन का उपयोग सिर्फ बातचीत और एसएमएस के लिए कर सकेंगे। सेना से जुड़ी किसी भी जानकारी को लीक होने से बचाने के लिए ये कदम उठाए गए हैं।
लिंक और बग भेजकर वाॅट्सएप ग्रुप से जोड़ते हैं
सैन्य सूत्रों के अनुसार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई पश्चिमी सीमा के नजदीक तैनात हनी ट्रेप में फंसे जवानों के साथ महत्वपूर्ण पदों पर बैठे अफसर के स्मार्ट फोन में सेंध लगा रही है। ये किसी अनजान लिंक या बग भेजकर इन्हें वाॅट्सएप ग्रुप से जोड़ लेते हैं। जब यूजर स्मार्ट फोन के उपयोग के दौरान उक्त दोनों एप्लीकेशंस काे ऑपरेट करता है तब उसका डेटा और सारी जानकारी लीक हो जाता है। इसी तरह फेसबुक के मैसेंजर से लिंक भेजकर भी जानकारियां जुटाई जा रही हैं। इसका खुलासा हालही में सामने आए हनी ट्रेप और जासूसी के मामलों से हुआ है।
एडवाइजरी की 5 जरूरी बातें
- स्मार्टफोन में जीमेल अकाउंट्स से दूसरी एप्लीकेशन को लिंक नहीं करना है।
- मोबाइल में प्राइवेसी सेटिंग्स की जाए। {लोकेशन वाले ऑप्शन को ऑफ करें।
- मोबाइल पर ऑफिशियल डेटा स्टोर न रखें।
- ईमेल के क्लाइंट से हमेशा बचें, मेल का उपयोग डेस्कटॉप पर ही करें।